चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया. SC ने 8 वोटों जिन्हें रद्द किया गया था, उन्हें सही माना और 12 वोट जो पहले सही थे, उनको मिलाकर 20 वोट हुए, जिसके बाद कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया गया.बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिखाया गया था.
अनिल मसीह को कारण बताओ नोटिस – SC
इसके साथ ही अनिल मसीह को अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को 3 हफ्ते में जवाब मांगने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो इसलिए हमारा विचार है कि अदालत को ऐसी असाधारण परिस्थितियों में बुनियादी लोकतांत्रिक जनादेश सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये अदालत पूरा इंसाफ करने के लिए ड्यूटी बाउंड है, पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करना सही नहीं है. कोई भी बैलेट डिफेस नहीं था. पीठासीन अफसर मसीह गलत कार्य का दोषी है.
अनिल मसीह ने अपने अधिकार से परे काम किया
CJI ने कहा कि वीडियो देखने के बाद सामने आया है कि रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने कुछ बैलेट पेपर पर एक खास निशान लगाया था. सभी 8 वोट याचिकाकर्ता उम्मीदवार (कुलदीप कुमार) को गए थे. रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने वोट को अमान्य करने के लिए निशान लगाए. हमने आरओ को उसके कृत्य में गलत पाए जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी. पीठासीन अफसर ने स्पष्ट रूप से अपने अधिकार से परे काम किया. बता दें कि 19 फरवरी को मसीह ने कोर्ट में कहा कि उसने डिफेस हुए 8 बैलेट पर निशान लगाया था.