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हिन्दी साहित्य सभा ने किया तुलसी जयंती पर व्याख्यानमाला एवं पुरस्कार वितरण का अयोजन

हिन्दी साहित्य सभा ने किया तुलसी जयंती पर व्याख्यानमाला एवं पुरस्कार वितरण काआयोज

ग्वालियर /मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा ग्वालियर के तत्वावधान में गत दिवस ” गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह एवं व्याख्यान माला व पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ कुमार संजीव ने की। मुख्य अतिथि के रूप में संघ विचारक व भाजपा नेता विवेक जोशी थे। मुख्य वक्ता के रूप में भरत शास्त्री भागवताचार्य एवं शिक्षक मंचासीन रहे।प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित करते हुए तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्ज्वलित किया गया ।

सरस्वती वंदना अनुष्का बघेल एवं रोशनी बघेल ने प्रस्तुत की ।
गणपति वंदना पूर्णिमा ने प्रस्तुत की।

अगले क्रम में” परिसर गीत” पलक एवं व्याप्ति उमड़ेकर ने प्रस्तुत किया। अतिथियों का स्वागत सहमंत्री उपेंद्र कस्तूरे एवं अन्य पदाधिकारियों ने किया। तत्पश्चात् स्वागत उद्बोधन व्यक्ति उमड़ेकर द्वारा किया गया। विषय प्रवर्तन डॉ .मंदाकिनी शर्मा ने किया। इसी क्रम में पलक सिकरवार द्वारा सुंदरकांड एवं किष्किंधा कांड की कुछ चौपाइयों का सुमधुर स्वर में वाचन किया गया।
अगले क्रम में गत माह पूर्व हुई प्रतियोगिता “राम बोला के बोल” के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण का क्रम चला। जिसमें विद्यालय इन स्तर पर प्रथम और आशिया जैन एवं महाविद्यालय स्तर पर साहिल परमार प्रथम रहे एवं अंश नामदेव, पीयूष बघेल ,वैशाली अग्रवाल भूमि रघुवंशी, तनुष्का माहौर आदि ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया।

कार्यक्रम के अगले क्रम में मुख्य वक्ता भरत शास्त्री द्वारा” रामचरितमानस” पर राम के संपूर्ण चरित्र, परंपराओं, संस्कारों और पुत्र के रूप में राम के द्वारा पिता के दिए गए आदेशों का पालन और मानवीय परंपराओं का निर्वाहन आदि का वर्णन किया गया।  मुख्य अतिथि विवेक जोशी ने कहा,

रामचरितमानस अवधि में लिखा गया है, जो मातृभाषा में है लिखा गया है “वाल्मीकि रामायण” संस्कृत में लिखी गई है।जो सामान्य व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। रामचरितमानस लोक भाषा में होने के कारण जन-जन में प्रिय है। इस पर तुलसीदास का विरोध भी हुआ ।परंतु तुलसीदास जी ने अपने लक्ष्य को पूर्ण करते हुए जन-जन में राम चंद्र जी के आदर्श उनके भाई एवं सहयोगियों द्वारा जो कर्तव्य निष्ठा की गई उसका वर्णन जनमानस में व्याप्त है।

कार्यक्रम में सभी को सभा के अध्यक्ष कुमार संजीव द्वारा भी संबोधित किया गया । उन्होंने कहा, कि हमें अपनी परंपराओं एवं संस्कारों के पालन हेतु भगवान राम को आदर्श मानना चाहिए। तुलसीदास द्वारा रामचरित मानस विश्व में लोकप्रिय ग्रंथ है।
कार्यक्रम में अतिथियों का सम्मान स्मृति चिन्ह रामचरण रुचिर, प्रचार- प्रसार मंत्री,डॉ मंदाकिनी शर्मा, साहित्य मंत्रीएवं दिनेश पाठक सभा के उपाध्यक्ष द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष भूमिका निभाने के पर व्याप्ति उमड़ेकर, तरुण जैन और जान्हवी नाईक, को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
कार्यक्रम में सभी का आभार प्रदर्शन अंकित अग्रवाल ने किया ।इस अवसर पर डॉक्टर लोकेश तिवारी, पुस्तकालय मंत्री, रामचरण चिराड़ रुचिर , प्रचार प्रसार मंत्री, संतोष तिवारी कोषाध्यक्ष, लालता प्रसाद दोहरे, भारती पुजारी, राकेश पांडे, दीपक कौल सहित बड़ी संख्या में विद्यालय एवं महाविद्यालय छात्र छात्राएं एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन “वंदे मातरम् ‘ के पश्चात् हुआ।कार्यक्रम का संचालन दीक्षा शाक्य ने किया एवं संयोजन डॉ. मंदाकिनी शर्मा ने किया।

 

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