भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अगवा मालवाहक पोत एमवी लीला नॉरफोक को समुद्री लुटेरों से रिहा करा लिया गया है। शुक्रवार को भारतीय नौसेना के कमांडो मार्कोस के अगवा पोत पर पहुंचे से पहले ही समुद्री लुटेरे भाग गए थे। लाइबेरियाई झंडे वाले पोत के 21 सदस्यीय चालक दल में 15 भारतीय नागरिक शामिल हैं, जो सुरक्षित हैं। पोत को सोमालिया के तट से बाहर लाया जाया जा रहा है।
नौसेना के मारकोस कमांडो को देख भाग खड़े हुए लुटेरे
भारतीय नौसेना ने मालवाहक पोत के अगवा होने की सूचना मिलते ही अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई, समुद्री गश्ती विमान पी8एल और टोही प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन को उसके पीछे लगा दिया था। आईएनएस चेन्नई ने शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 3:15 बजे अरब सागर में सोमालिया के तट के पास अगवा पोत को घेर लिया था। इस दौरान जवानों ने समुद्री लुटेरों को जहाज को छोड़ने की चेतावनी दी। उसके बाद भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो अगवा पोत पर उतरे और उसकी तलाशी ली तो कोई लुटेरा वहां मौजूद नहीं था।
पोत पर सवार सभी भारतीय सुरक्षित
यूके समुद्री व्यापार संचालन (यूकेएमटीओ) एजेंसी ने बताया है कि पोत पर सवार सभी भारतीय सुरक्षित हैं। आईएनएस चेन्नई की निगरानी में उसे सोमालिया के तट से बाहर निकाला जा रहा है। इससे पहले यूकेएमटीओ से ही नौसेना को बृहस्पतिवार को सूचना मिली थी कि पोत पर पांच-छह लुटेरे सवार हो गए हैं और उसे सोमालिया की तरफ से ले जा रहे हैं। मालवाहक पोत ब्राजील के पोर्ट डू एको से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। लेकिन करीब दस दिन पहले ही लुटेरों ने अदन की खाड़ी में एमवी रुएन का अपहरण कर लिया था।