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21 वर्षों के सबसे खतरनाक तूफान के आज पश्चिम बंगाल तट से टकराने की सम्भावना से हडकम्प

कोलकाता: सुपर साइक्लोन ‘उम्पुन’ आज पश्चिम बंगाल पहुंच जाएगा. 21 सालों में बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. मौसम विभाग ने कहा है कि सुपर साइक्लोन के आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल तट पर असर पड़ने की उम्मीद है. 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 185 किमी प्रति घंटे तक चलने वाली बहुत तेज हवा चलने के आसार हैं, साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश और 4-5 मीटर की तेज हवाएं चल सकती हैं.

पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता के जिलों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. चक्रवात की क्षति संभावित चक्रवात “बुलबुल” की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है, जो 9 नवंबर 2019 को पश्चिम बंगाल तट से टकरा गई थी.

बचाव दल अलर्ट
चक्रवात ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर में भारी वर्षा, स्क्वैली हवाओं और तूफान को भी लाएगा. उम्पुन के उत्तर-उत्तरपूर्व की दिशा में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने और आज दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप से गुजरने का अनुमान है. इसे देखते हुए आर्मी, एयर फोर्स के साथ एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है.

20 टीमें ओडिशा में तैनात की गई है. जिसमें 5 टीमें रिजर्व में हैं. 19 पश्चिम बंगाल में और 2 रिजर्व हैं. वायरलैस और सेटेलाइट संचार के साधन हैं के साथ सभी टीमों को भेजा गया है. सागर द्वीप और कागद्वीप जो पश्चिम बंगाल के 24 परगना इलाके में हैं वहां तूफान के हिट करने की आशंका है. देश में NDRF की 24 टीमों को रेड हॉट अलर्ट पर रखा गया है.

21 साल बाद आया सबसे खतरनाक तूफान
1999 के बाद अब तक बंगाल की खाड़ी में बना यह अब तक का सबसे खतरनाक तूफान है. तूफान में हवाओं की गति निरंतर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. ‘उम्पुन’ का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 520 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 800 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में है.

मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि दोहरी चुनौती है. कोरोना के समय में चक्रवाती तूफान आया है. चक्रवाती तूफान अभी भी सुपर साइक्लोन की श्रेणी में है. इसका खतरा अभी बना हुआ है. इसकी मारक क्षमता भी अधिक हो सकती है.

यह तूफान 15 किमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. तूफान के तट से टकराने के वक्त 155-165 किमी प्रतिघंटा कई रफ्तार से टकरा सकता है. अधिकतम 185 किमी प्रतिघंटा हो सकता है. हवाएं इतनी तेज होंगी कि सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित होगा. इसलिए इन्हें फिलहाल प्रभावित इलाकों में रोकने का फैसला किया गया है.

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