देश के तमाम विद्वान ज्योतिषियों की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 अगस्त को भद्रा सुबह 10:13 बजे से रात 8:58 तक है। इस कारण भद्रा काल में बांधने का शुभ मुहूर्त नहीं है। 30 अगस्त को रात नौ बजे भद्रा समाप्ति के बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन यानी 31 अगस्त को सुबह सात बजकर 46 मिनट तक है।30 अगस्त को भद्रा सुबह 10:13 बजे से रात 8:58 तक है। इस कारण भद्रा काल में बांधने का शुभ मुहूर्त नहीं है। 30 अगस्त को रात नौ बजे भद्रा समाप्ति के बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन यानी 31 अगस्त को सुबह सात बजकर 46 मिनट तक है।
30 अगस्त को भद्रा सुबह 10:13 बजे से रात 8:58 तक है। इस कारण भद्रा काल में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त नहीं है। 30 अगस्त को रात नौ बजे भद्रा समाप्ति के बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन यानी 31 अगस्त को सुबह सात बजकर 46 मिनट तक है
30 अगस्त को भद्रा काल होने की वजह से रात्रि भद्रा समाप्ति बाद या 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। जो लोग उदिया तिथी को महत्व देते हैं उनके लिए 31 अगस्त को उदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में ही रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। 30 अगस्त को भद्रा के कारण रक्षाबंधन नहीं होगा। भद्रा काल में रक्षाबंधन वर्जित है। इसलिए 31 अगस्त को प्रातः काल में रक्षाबंधन करें।
रक्षाबंधन के पर्व पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात नौ बजकर एक मिनट से शुरू होगा, जो 31 अगस्त की सुबह साढ़े सात बजे तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधना अति शुभ रहेगा। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को सुबह 10:13 बजे तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन 31 अगस्त को सुबह सात बजकर 46 मिनट तक है।बताया कि 30 अगस्त को भद्रा सुबह 10:13 बजे से रात 8:58 तक है। इस कारण भद्रा काल में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त नहीं है। 30 अगस्त को रात नौ बजे भद्रा समाप्ति के बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन यानी 31 अगस्त को सुबह सात बजकर 46 मिनट तक है।