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विश्वविद्यालय वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताएं – राज्यपाल

ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का भव्य दीक्षांत समारोह आयोजित ,1007 विद्यार्थियों को प्रदान की गईं उपाधियाँ

ग्वालियर / राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारे कृषि विश्वविद्यालय कृषि विकास और परिवर्तन के केन्द्र बिंदु हैं। विश्वविद्यालयों को वैश्विक बाजार की मांग के अनुसार राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल शनिवार को ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
यहां कृषि महाविद्यालय के सभागार में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित हुए भव्य दीक्षांत समारोह में प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल और उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। एक मई 2019 से 30 अप्रैल 2021 के बीच पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्रदान की गईं। कृषि संकाय के 8 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। साथ ही स्नातक के 600, स्नातकोत्तर के 374 एवं पीएचडी के 33 विद्यार्थियों सहित कुल 1007 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलाव आधा दर्जन विद्यार्थियों को सिरताज बहादुर सिन्हा स्मृति नगद पुरस्कार भी दिए गए। अतिथियों ने कृषि विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयासों को कृषि विश्वविद्यालय व्यवहारिक रूप प्रदान करें। विश्वविद्यालय गांवों में पायलट प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देकर किसानों को उन्नत कृषि के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कृषि मानव सभ्यता के उद्भव और विकास का आधार है। इसलिए यह जरूरी है कि कृषि के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान परिवर्तनशील चुनौतियों के अनुरूप हों।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री पटेल ने यह भी कहा कि प्रदेश की कृषि प्रधान व्यवस्था को सक्षम और सम्पन्न बनाने के लिये राज्य सरकार किसानों को सम्मान निधि के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए दे रही है। साथ ही कृषि के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं। कृषि अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लिये सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना की है। इसके माध्यम से वर्ष 2020-21 में 7 हजार 500 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए गए हैं। सिंचाई सुविधा को आगामी पांच वर्षों में 65 लाख हैक्टेयर क्षेत्र तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा है। उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की बजाय अधिकतम खुदरा मूल्य पर फसल बेचें और देश-विदेश के बड़े बाजारों तक कृषि उत्पाद पहुँचें, इसके लिये प्रदेश में आधुनिक मंडियां, फूड पार्क और आधुनिक वेयर हाउस की श्रृंखला का निर्माण मिशन मोड पर हो रहा है।

दूसरी हरित क्रांति की जरूरत

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि देश में दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है। दूसरी हरित क्रांति अधिक व्यापक, अधिक समावेशी और अधिक टिकाऊ हो। साथ ही हमारे प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग किए बिना उत्पादन में बढ़ोत्तरी संभव हो। इसके लिये किसानों को उपयुक्त तकनीक और कृषि की नवीन प्रथाओं के जरिए उन्हें जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को अनुकूलित करने के लिये सक्षम बनाकर खाद्य सुरक्षा में बढ़ोत्तरी के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा किसानों को कृषि उद्यमियों के रूप में देखा जाए, जो कॉर्पोरेट उद्यमियों के साथ व्यापार करने में सक्षम और कुशल हों।

किसानों की खुशहाली होगी शिक्षा की सार्थकता का मापदण्ड

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक और उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई, शुभकामनायें और आशीर्वाद दिया। साथ ही उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों से कहा कि आप सबकी शिक्षा की सार्थकता का मापदण्ड किसानों की खुशहाली ही है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों पर भरोसा जताया कि वे स्वयं की प्रगति करने के साथ-साथ किसानों के जीवन में बदलाव लाने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिये उत्साहपूर्वक आगे बढ़ेंगे।

केवल नौकरी ही नहीं राष्ट्रोत्थान को अपना उद्देश्य बनाएँ – श्री कमल पटेल

प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं। साथ ही आह्वान किया कि हमारी पढ़ाई केवल अपने एवं अपने परिवार के विकास के लिये ही नहीं हो, बल्कि समाज एवं राष्ट्रोत्थान में उसका योगदान होना चाहिए। केवल सरकारी व निजी क्षेत्र की नौकरियां पाना ही उद्देश्य न हो। हमारा उद्देश्य यह हो कि गरीबी व बेरोजगारी मिटाकर देश को आत्मनिर्भर बनाएं। आप सब नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें। श्री पटेल ने कहा यह पढ़ाई इस काम आए कि कृषि उत्पादन बढ़े और खेती लाभ का धंधा बने। खेती की लागत कैसे कम हो, इसके लिए सभी विद्यार्थी काम करें। उन्होंने कहा कि देश में छोटे कृषकों की संख्या ज्यादा है। इन सभी के कल्याण के लिये आप सब नए-नए आविष्कार करें। साथ ही ऐसे नवाचार सामने लाएं, जिससे देश का हर किसान अच्छी खेती के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग अपनाकर आगे बढ़े, तभी देश खुशहाल होगा।

फसलों के भण्डारण के लिए गाँव तक कोल्ड चैन का विकेन्द्रीकरण – श्री भारत सिंह कुशवाह

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सबने विश्वविद्यालय से कृषि के क्षेत्र में जो ज्ञान अर्जित किया है, वह लघु एवं सीमांत कृषकों के उत्थान में उपयोगी साबित होगा। उन्होंने ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के कल्याण के लिये किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। साथ ही कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों के भण्डारण के लिये कोल्ड चैन का विकेन्द्रीयकरण कर गाँव-गाँव तक कोल्ड स्टोरेज बनवाए जा रहे हैं। सरकार 500 मैट्रिक टन से लेकर 8 मैट्रिक टन तक के कोल्ड स्टोर बनाने के लिये अनुदान देती है। किसान अब अपने खेत पर ही कोल्ड स्टोर बनवा सकते हैं।
श्री कुशवाह ने कहा कि किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिये पारंपरिक खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को अपनाना होगा। इस दिशा में प्रदेश सरकार प्रयासरत है। प्रदेश में जहां वर्ष 2009-10 में उद्यानिकी का रकबा 8 लाख हैक्टेयर था जो 2021 में बढ़कर 21 लाख हैक्टेयर हो गया है। उद्यानिकी राज्य मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रमुखता के साथ फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दिशा में ग्वालियर व मुरैना सहित प्रदेश भर में फूड इक्युवेशन सेंटर बनाए जायेंगे। देश में सबसे अधिक फूड प्रोसेसिंग इकाईयां मध्यप्रदेश के लिये मंजूर हुई हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना भी होने जा रही है।

कुलपति प्रो. राव ने दिया दीक्षोपदेश

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव ने दीक्षोपदेश दिया। साथ ही विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल सहित अन्य अतिथिगणों ने सभागार में दीक्षांत शोभा यात्रा के साथ प्रवेश किया। जिसमें राज्यपाल सहित सभी अतिथिगण पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में सज-धजकर शामिल हुए। सभी विद्यार्थियों ने भी भारतीय पारंपरिक अंगवस्त्र व पोषाक पहनकर अतिथियों से अपनी उपाधि प्राप्त की।
समारोह में कृषि विश्वविद्यालय के प्रमंडल, विद्या परिषद एवं प्रशासनिक परिषद के सदस्यगणों सहित जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर, कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. डी एच रानाडे व कुलसचिव श्री अजय शर्मा समेत अन्य प्राध्यापकगण और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

छात्राओं के हिस्से में आए अधिकांश स्वर्ण पदक

प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये किए जा रहे प्रयास अब फलीभूत हो रहे हैं। इसकी वानगी राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी देखने को मिली। दीक्षांत समारोह में कुल 8 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें से 7 स्वर्ण पदकों पर छात्राओं ने कब्जा जमाया। इनमें स्नातक के 4 एवं स्नातकोत्तर व पीएचडी के 2-2 विद्यार्थी शामिल हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं में यशी सिंह तोमर, शिवानी यादव, रवीना सिंह, पारूल उपाध्याय, निशा मिश्रा, रीमा व कविता भादू शामिल हैं। इनके अलावा हरणे अमोल रमेश को स्वर्ण पदक मिला है।
समारोह का शुभारंभ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा अतिथियों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

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