ग्वालियर /आदि गुरु शंकराचार्य जी की जन्म जयंती के अवसर पर जन अभियान परिषद ग्वालियर द्वारा बरई जनपद पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय जनता पार्टी, शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ नितेश शर्मा ने आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा
आदि गुरु शंकराचार्य जी को मात्र 3 वर्ष की आयु में शास्त्रों का ज्ञान मलयालम और संस्कृत में हुआ और मात्र 8 वर्ष की आयु में चारों वेद उपनिषदों को कंठस्थ कर लिया
उन्होंने ने भारत की चारों दिशाओं में चार धाम दक्षिण में श्रृंगेरी मठ जिसका अधिपति सुरेश्वर आचार्य एवं पूर्व में पूरी में गोवर्धन मठ जिसका आचार्य सनंदन जिन्हें पदमपाद के रूप में भी जानते हैं उत्तर भारत में ज्योतिर मठ जिसका आचार्य टोटकाचार्य जी को बनाया एवं पश्चिम में शारदा मठ द्वारिका में स्थापित किया जिसका अधिपति हंसतामल को बनाया
चारों मठ स्थापित करके भारत को एक आत्म स्वरूप प्रदान किया आज भी उसी एकात्मता की आवश्यकता है उनके विचार और दर्शन को अपनाकर ही विभिन्न मतों पंथो के भेद मिटाकर भारत एक हो सकता है उन्होंने अपने अद्वैत दर्शन के माध्यम से आत्मा और परमात्मा की अभिन्नता का जो प्रतिपादन किया उससे संपूर्ण विश्व का कल्याण हो सकता है आज जब देश में चारों तरफ खंडित परंपरा जारी है तब आदि गुरु शंकराचार्य जी का एकात्म दर्शन अत्यंत उपयोगी प्रतीत होता है उन्होंने दशनामी परंपरा स्थापित की जिसमें अलग अलग संतो को संगठित किया यह परंपरा आज भी सनातन संस्कृति की रक्षा करती है इस दृष्टि से आदि गुरु शंकराचार्य का भारतीय इतिहास में अत्यंत महत्व है अतः शंकराचार्य जी की जीवनी प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय में पढ़ाई जाने की आवश्यकता है जिससे छात्र उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें एवं राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री दिनेश सैंथिया जी प्रांत सह सद्भावना प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, धर्मेंद्र दीक्षित जी जिला कोडिनेटर जन अभियान परिषद ग्वालियर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर विनोद शर्मा जी के साथ बड़ी संख्या में प्रस्फुटन समिति अध्यक्ष, सचिव सी.एम. सी एल डी पी छात्र एनजीओस जनपद पंचायत के अधिकारी उपस्थित रहे।