देश में अरहर दाल (Tur Dal) की बढ़ती कीमतें केंद सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। लगातार बड़ते दामों को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे अरहर दाल के स्टॉक की निगरानी करें और राज्य के सभी व्यापारियों द्वारा जमा किए गए स्टॉक की जानकारी केंद्र सरकार को दें. यही नहीं, राज्यों को मौजूद अरहर स्टॉक के आंकड़े डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल पर अपडेट करने होंगे.
साथ ही, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे अरहल दाल की कीमतों पर काबू पाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 (Essential Commodities Act, 1955) के प्रावधानों को लागू करें. केंद्र सरकार ने त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए बफर स्टॉक में रखी 38 लाख टन दालों को खुले बाजार में जारी करने का फैसला किया है. इस स्टॉक में 3 लाख टन चना भी शामिल है.
क्यों बढ़ी कीमतें
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार अरहर के उत्पादन में इस साल कमी आने की आशंकाओं के कारण देश में अरहर दाल की कीमत बढ़ रही है. प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश और जलभराव से फसल खराब हुई है. दरअसल, खराब मौसम के कारण इन राज्यों में खरीफ की बुवाई में देरी हुई है. यही कारण है कि जुलाई के दूसरे सप्ताह से अरहर की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.