देश में H3N2 वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देशभर में इस वायरस से अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में है. यहां अब तक वायरस के 352 मामले सामने आ चुके हैं. H3N2 वायरस को लेकर आज एक मीटिंग होगी, जिसमें सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस शामिल होंगे.
असम में भी बुधवार को H3N2 वायरस का एक मामला सामने आया है. दिल्ली में भी लगातार मिल रहे नए केस को देखते हुए बेड और डॉक्टरों की सुविधा बढ़ाई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस वायरस से कथित तौर पर अब तक दो लोगों की मौत हुई है. इनमें अहमदनगर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा एक युवा पिछले हफ्ते अलीबाग घूमकर आने के बाद वह कोविड-19 और H3N2 वायरस से संक्रमित हुआ. अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गई. वहीं, नागपुर में वायरस से संक्रमित 78 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई.
गुजरात के वडोदरा में भी इसी वायरस से 58 साल की एक महिला की मौत का दावा किया जा रहा है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि महिला की जांच रिपोर्ट अभी लैब में भेजी गई है, वहां से पुष्टि होने के बाद ही मौत की वजह सामने आ पाएगी. हालांकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में महिला को H3N2 वायरस से संक्रमित बताया गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि लैब में टेस्ट किए गए इंफ्लूएंजा सैंपल्स में से लगभग 79% में H3N2 वायरस पाया गया है। इसके बाद 14% सैंपल्स में इंफ्लूएंजा बी विक्टोरिया वायरस पाया गया है और 7% में इंफ्यूएंजा ए H1N1 वायरस पाया गया है। H1N1 को आम भाषा में स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है। मंत्रालय का कहना है कि मार्च एंड से H3N2 वायरस के मामले कम होने लगेंगे।
क्या हैं H3N2 फ्लू के लक्षण?
H3N2 के कारण होने वाले फ्लू में भी वही लक्षण सामने आने आते हैं, जो दूसरे सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाले फ्लू में होते हैं. इसके कुछ कॉमन लक्षण, जो नज़र आ सकते हैं-
नाक बहना या नाक बंद होना
गले में दिक्कत
सिर दर्द
शरीर में दर्द
बुखार या बुखार जैसा महसूस होना
कंपकंपी
थकान
दस्त
मिचली या उल्टी
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक सीजनल फ्लू में ज्यादातर लोग कुछ दिनों से लेकर दो हफ्ते में ठीक हो जाते हैं. वहीं कुछ लोगों में फ्लू के कारण गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं, जिनमें से कुछ समस्याएं जानलेवा हो सकती हैं. इसमें निमोनिया या अगर पहले से कोई बीमारी हो, तो वो और बदतर हो सकती है. जैसे, अगर किसी को अस्थमा है और वो H3N2 से संक्रमित हो जाए, तो उसकी अस्थमा की दिक्कत और बढ़ सकती है.
तुरंत डॉक्टर के पास जाएं अगर…
अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो क्योंकि ये निमोनिया या सांस की दूसरी गंभीर दिक्कतों का संकेत हो सकता है.
सीने या पेट में दर्द या दबाव महसूस हो.
अचानक चक्कर आने लगे.
बहुत ज्यादा और लगातार उल्टी हो क्योंकि इसके कारण गंभीर डिहाइड्रेशन हो सकता है.
होंठ या चेहरे पर नीलापन लो ऑक्सीजन लेवल का संकेत हो सकता है, ऐसे में तुरंत मेडिकल हेल्प लेने की जरूरत होती है.
अगर आपको फ्लू के लक्षणों से राहत महसूस होनी शुरू हो जाए, लेकिन फिर खांसी और बुखार जैसे लक्षण बदतर होने लगे. ऐसी हालत में भी डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
गुड़गांव के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर और पल्मोनोलॉजी के हेड डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर (Dr. Kuldeep Kumar) ने कहा, “नहीं, ऐसा नहीं होगा क्योंकि कोविड-19 और H3N2 वायरस दोनों एक-दूसरे से पूरी तरह अलग हैं. किसी भी वायरस की वैक्सीन उस वायरस की प्रकृति, फैलने की आवृत्ति आदि के आधार पर बनाई जाती है. कोविड-19 और H3N2 वायरस की प्रकृति और आवृत्ति अलग है इसलिए कोविड वैक्सीन इस इंफ्लूएंजा वायरस से बचाने में मदद नहीं करेंगी. अगर किसी वायरस के लिए विशेष वैक्सीन बनाई जाती है तो वह उस वायरस के अनुरूप ही इम्यूनिटी डेवलप करती है.”
सीएसआईआर-सेंटर ऑफ सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर और अब बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (TIGS) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा (Rakesh Mishra) ने कहा, “हम देश में जो वायरस फैलता देख रहे हैं वह एक सामान्य फ्लू है जिसमें नई विशेषताएं आ गई हैं जिसके कारण यह लंबे समय तक बना रहता है. कोविड-19 वायरस के विपरीत यह जल्द ही खत्म हो जाएगा लेकिन लक्षण महसूस होने पर इसकी टेस्टिंग जरूर कराएं. इसके लिए सभी हेल्थ ऑफिसर्स को इसकी निगरानी करनी चाहिए ताकि वायरस के मूवमेंट का पता लगा सकें.”