तेल की बढ़ती कीमतों और रुपये में जारी गिरावट के जरिए कांग्रेस को केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। इसे लेकर जहां कांग्रेस ने सोमवार यानि 10 सितंबर को भारत बंद बुलाया है वहीं मध्यप्रदेश पेट्रोल डीजल एसोसिएशन ने बन्द का विरोध करते हुए सभी पेट्रोल पम्प खुले रखने का एलान करके कांग्रेस को झटका दिया है उधर कई विपक्षी दलों ने भी खुद को बंद से दूर किया है इसमें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की तृण मूल भी शामिल है उधर कांग्रेस का दावा है कि इस बंद को 21 दलों का समर्थन है।
इस बंद का आम जन-जीवन पर भी असर पड़ सकता है। विपक्ष की पूरी कोशिश है कि बंद को पूरी तरह से सफल बनाया जाए। सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलने वाले इस बंद के चलते कुछ राज्यों ने स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी है। मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां भी एहतियात के तौर पर कुछ स्कूलों ने छुट्टी घोषित की है।
शनिवार को राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापारियों से बंद को सफल बनाने के लिए समर्थन मांगा था। अपने काफिले के साथ व्यापारियों के बीच पहुंचे दिग्विजय सिंह ने खुलकर बीजेपी की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की। दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सरकार 2014 में लागू सेंट्रल एक्साइड ड्यूटी और वैट टैक्स लगाती है तो पेट्रोल और डीजल के दामों में सत्रह रुपए से लेकर बीस रुपए तक की कमी आ सकती है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बढ़ती महंगाई को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध जारी रहेगा और दस सितंबर के बंद में साफ हो जाएगा की बीजेपी सरकार के खिलाफ लोगों में कितना गुस्सा है।
प्रतीकात्मक चित्र