पश्चिम बंगाल के चिटफंड केस ने पूरे देश की सियासत को गरमा दिया है. आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार से सीबीआई पूछताछ का मामला अब कोलकाता से निकलकर फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जहां केस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह यह सोच भी नहीं सकते कि एक आईपीएस अफसर सबूत नष्ट कर सकता है.
रविवार को बंगाल पुलिस ने कोलकाता में सीबीआई टीम को पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर रेड से रोकते हुए उन्हें ही हिरासत में ले लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं. ममता पुलिस के रवैये के खिलाफ आज सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सीबीआई की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल से कोर्ट ने कहा कि आप सबूत नष्ट होने के संबंध में कोई दस्तावेज लेकर नहीं आए हैं, आप सिर्फ इल्जाम लगा रहे हैं कि सबूत नष्ट किए जा रहे हैं और उनसे छेड़छाड़ की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आप सबूत लेकर आएंगे तो कल सुबह 10.30 बजे इस मसले पर सुनवाई की जाएगी. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सॉलिसिटर जनरल ने अपनी दलील में यह बताने का प्रयास किया कि देर रात तक इस संबंध में अर्जी ड्राफ्ट तैयार किया गया है और सीबीआई के पास कई अहम चीजें हैं. लेकिन कोर्ट ने उनकी यह दलील नहीं मानी और साफ कहा कि आप सबूत नष्ट किए जाने वाले सबूत लेकर आएं, तब कल सुबह इस मसले पर सुनवाई की जाएगी.