21 जनवरी शनिवार को शनि अमावस्या है, जिसे शनिश्चरी अमावस्या या शनिचरी अमावस्या भी कहते हैं. यह साल 2023 की पहली शनि आमवस्या है. इस दिन 30 साल बाद खप्पर योग बना है, जो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों के लिए शुभ है क्योंकि इस योग में शनि देव के दुष्प्रभावों को कम करने का उपाय प्रभावी होता है. इस योग में शनि के उपाय करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. शनि अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
भूलवश भी न करें ये काम
जिस भी राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है. उन लोगों को बुरे कर्मों से दूरी बना लेनी चाहिए. चोरी, जुआ, शराब, तामसिक वस्तुओं का सेवन, असत्य वचन, जीवों को प्रताड़ित करने जैसे कार्यों से स्वयं को दूर रखना चाहिए. जो लोग ऐसे कार्य करते हैं, वे शनि की कुदृष्टि का शिकार होते हैं. उनके समक्ष कोर्ट केस, दुर्घटना, वाद विवाद, धन हानि, झूठे आरोप आदि जैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं.
शनि अमावस्या के अचूक उपाय
1. शनि अमावस्या के दिन आप सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. उसके बाद शनि मंदिर में जाकर शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. शनि देव को सरसों का तेल, काला तिल, नीले फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. उसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें. शनि देव की कृपा से आपके कष्ट दूर होंगे.
2. शनि अमावस्या के दिन आप शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. आप पर शनि की कड़ी दृष्टि है तो शनि देव आप को राहत देंगे. उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगकर सत्य मार्ग पर चलने का प्रण लें.
3. शनि अमावस्या पर आप शमी के पेड़ की पूजा करें. शाम के समय उसके नीचे सरसों के तेल या फिर तिल के तेल का दीपक जलाएं. शमी का पेड़ शनि देव को प्रिय है. आपका कल्याण होगा.
4. शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत पाने के लिए आप भगवान शिव की आराधना करें. शिव आराधना से भी आपके कष्ट दूर होंगे.
5. शनि अमावस्या के दिन आप सुंदरकांड का पाठ करें. हनुमान जी की पूजा करें. शनि देव आप पर प्रसन्न रहेंगे.