मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर आज भाजपा ने राजस्थान में भी मुख्यमत्री की प्रतिस्पर्धा से बहुत दूर एक नए चेहरे को मुख्यमंत्री के ताज से सुशोभित करके एकबार पुनः सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने शाम निर्धारित प्रक्रिया के बाद भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। इसके साथ ही दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री तथा वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया ।
दो उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सांगानेर सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से शिकस्त दी थी। विधायक दल की बैठक से पहले हुए फोटा सेशन में वे चौथी पंक्ति में बैठे थे। कुछ देर बाद भाजपा ने उनका नाम प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए घोषित कर दिया।
भजन लाल शर्मा सामान्य वर्ग से हैं। संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। लंबे समय से वे संघ से जुड़े हुए हैं। साथ पार्टी में भी उनकी अच्छी पकड़ है।
उनकी उम्र 55 साल है। वे पोस्ट ग्रेजुएट हैं। शर्मा मूलरूप से भरतपुर के रहने वाले हैं। लेकिन, पार्टी ने उन्हें जयपुर जिले की सांगनेर विधानसभा सीट से पहली बार टिकट दिया था। जहां से जीत दर्ज कर वे विधायक बने हैं। शर्मा दस साल से भाजपा प्रदेश महामंत्री हैं। इससे पहले पहले यह मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं
एकबार लड़ चुके हैं निर्दलीय चुनाव
2003 में भरतपुर की नबई सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन छज हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में शर्मा ने भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आए राजनीति में
भजनलाल शर्मा के पिता का नाम किसन स्वरूप शर्मा है। वे 34 साल से राजनीति में सक्रिय है। कृषि और खनिज सप्लाई के व्यवसाय से भी जुड़े हुए हैं। भरतपुर के गांव अटारी के रहने वाले हैं। उन्होंने नदबई में अपनी प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आ गए और यही राजनीति में प्रवेश का द्वारा बन गया।
शुरुआती दौरान में भजन लाल शर्मा नदबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। इसके बाद उन्हें इकाई अध्यक्ष नदबई, इकाई प्रमुख नदबई बनाया गया। धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए शर्मा सह जिला सयोजक भरतपुर और फिर सह जिला प्रमुख भरतपुर भी बनाए गए।
भजनलाल शर्मा एबीवीपी के 1990 में हुए कश्मीर मार्च में भी सक्रिय रहे। करीब 100 कार्यकर्ताओ कें साथ उन्होंने ऊधमपुर तक मार्च किया और फिर गिरफ्तारी भी दी। 1992 में श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी गए। 1991-92 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिम्मेदारी मिली। 27 साल की उम्र में पहली बार सरपंच बने और फिर लगातार दो बार सरपंच रहे। एक बार पंचायत समिति के सदस्य भी बनाए गए।