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हिन्दुत्व विचारधारा सबल होने से दुनिया में आएगी शांति: रामलाल

-राष्टोत्थान न्यास की तीन दिवसीय व्याख्यान माला का शुभारंभ

ग्वालियर। हिन्दुत्व की विचारधारा सबल होने से ही दुनिया में शांति आएगी। हिन्दुत्व वसुधैव कुटुम्बकम, सर्वे भवन्तु सुखिन: और विश्व कल्याण की भावना के साथ प्रकृति के साथ भी सामंजस्य रखता है। इसीलिए हिन्दुओं के यहां कथा या अन्य धार्मिक आयोजनों के समापन पर धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भाव हो, विश्व का कल्याण हो के जयकारे लगाए जाते हैं।

यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख रामलाल जी ने नई सडक़ स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के तराणेकर सभागार में आयोजित तीन दिवसीय ज्ञान प्रबोधनी व्याख्यानमाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश सक्सेना ने की। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर विभाग के संघचालक विजय गुप्ता भी मंचासीन रहे। राष्ट्रोत्थान न्यास ग्वालियर के तत्वावधान में हिन्दुत्व की सार्वभौमिकता विषय पर व्याख्यान देते हुए मुख्य वक्ता रामलाल जी ने कहा कि हमारे यहां नदियों को भी मां कहा जाता है। जैसे गंगा मां, यमुना मैया, मंदाकिनी मां। इसी तरह वनस्पति के रूप में तुलसी मैया और सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पीपल के पेड़ और बरगद व आंवला की पूजा की जाती है। इससे जाहिर है कि हिन्दू धर्म मानव ही नहीं प्रकृति से भी तालमेल बनाकर चलता है। इससे पहले राष्ट्रोत्थान न्यास के न्यासी सुधीर शर्मा ने न्यास की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सुश्री पारुल बांदिल ने वसुंधरा परिवार हमारा गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन निरुपम निवासकर एवं आभार डॉ.श्रीप्रकाश लोहिया ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन सुश्री व्याप्ति उमड़ेकर द्वारा प्रस्तुत वंदेमातरम गीत के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष डॉ.गोविन्द प्रसाद शर्मा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बल्देव भाई शर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के सह सेवा प्रमुख ओमप्रकाश सिसोदिया, मध्य भारत प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर , प्रांत सम्पर्क प्रमुख डॉ. जेएस नामधारी आदि उपस्थित रहे।

संस्कृति में आई विकृति को करें दूर

रामलाल जी ने आग्रह करते हुए कहा कि संस्कृति में परिस्थितिवश आई विकृति को दूर करें। उन्होंने कहा कि मुगलों ने भारत में आक्रमण कर यहां की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया। मुगल आक्रांताओं से अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए रात में चुपचाप विवाह करने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी चल रही है। जबकि दक्षिण भारत में विवाह आज भी दिन में होते हैं। मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जजिया कर थोपा गया था। जिसे गरीब खासकर दलित लोग देने में समर्थ नहीं थे। आगे चलकर यह भी परंपरा बन गई। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में समाज के सही संचालन के लिए जाति व्यवस्था तो थी, लेकिन छुआछूत नहीं थी। मुख्य वक्ता ने कहा कि अंग्रेजों ने तो समाज में फूट डालो शासन करो की नीति के तहत हिन्दुओं की बौद्धिक संपदा को नष्ट करने का प्रयास किया। इसलिए विश्व में शांति कायम करने के लिए अपने बच्चों को हिन्दू धर्म को सरल तरीके से सिखाने का प्रयास करें।

मानव धर्म का परिचायक है हिन्दुत्व

न्यायमूर्ति राकेश सक्सेना ने कहा कि हिन्दू धर्म मानव धर्म का परिचायक है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना हिन्दुत्व की आत्मा है। स्वामी विवेकानंद ने भी हिन्तुत्व की सार्वभौमिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला है। प्रेम और भक्ति ही हिन्दू धर्म है। हिन्दू धर्म जीवन पद्धति है।

रविवार को भविष्य का भारत विषय पर होगा व्याख्यान

राष्ट्रोत्थान न्यास के तत्वावधान में 1 अक्टूबर रविवार को सायं 5:30 बजे न्यास भवन में भविष्य का भारत विषय पर व्याख्यान होगा। मुख्य वक्ता कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बल्देव भाई शर्मा होंगे। न्यास के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र बांदिल ने प्रबुद्धजनों से कार्यक्रम में
भाग लेने का आग्रह किया है।

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