ग्वालियर / ग्वालियर में 6 अक्टूबर को होने वाले भारत – बांग्लादेश टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को लेकर बांग्लादेश टीम के विरोध का मामला अब स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बनना शुरू हो गया है। आज मैच का विरोध करने वाले तमाम हिंदूवादी संगठनों के लोगों को फोन करके हड़काने कोतवाली बुलाया गया।
इसी के चलते मैच शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए पुलिस आगे आ गई है आज सुबह पुलिस ने उन तमाम हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं को फोन किया और बासतचीत के लिए हुजरात कोतवाली आमंत्रित किया।
ऐसा ही फोन हिंदूवादी नेता और अचलेश्वर न्यास के पूर्व अध्यक्ष समाजसेवी हरिदास अग्रवाल, हिंदू महासभा नेता समाजसेवी डॉ जयवीर भारद्वाज, हिंदू जागरण मंच के बसंत गोदयाले ,लोकेश शर्मा आदि के पास भी पहुंचा ।
फोन आने की पुष्टि करते हुए डॉ जयवीर भारद्वाज और हरिदास अग्रवाल ने बताया कि उन्हें संभावना थी कि आने वाले समय में गणेश स्थापना को लेकर पुलिस प्रशासन चर्चा करने के लिए बुला रहा है।
इसी मानसिकता के साथ वे कोतवाली पहुंचे और सीएसपी लश्कर आयुष गुप्ता ने बांग्लादेश मैच के विरोध पर बातचीत शुरू की तब उन्हें सारी बात समझ आई। इन नेताओं का कहना था कि पुलिस मैच के विरोध न किए जाने की बात कह रही थी। इसपर इनके द्वारा इस प्रकार की समझाइश उनके विरोध से जुड़े मुद्दे पर दूसरे पक्ष को देने की बात कही गई।
चूंकि चर्चा का विषय पहले से स्पष्ट नही था अतः सारे नेताओं के शाम को पुनः बातचीत के लिए बैठने का तय हुआ है।
क्या कहा सीएसपी आयुष गुप्ता ने
उधर इस बारे में शब्दशक्ति न्यूज ने सीएसपी गुप्ता से बात की और बैठक के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मैच शांतिपूर्ण संपन्न हो इसके लिए विरोध कर रहे कुछ लोगों को बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने बताया कि उनसे विरोध न करने तथा पिच खोदने जैसा रास्ता न चुनने की बात कही है। यह पूछे जाने पर कि विरोध कर रहे नेताओं ने आपकी बात मान ली या नहीं तो श्री गुप्ता ने कहा कि बैठक में उन्होंने भी अपनी बात रखी है और अपने अन्य पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद बातचीत का आश्वासन दिया है।
यह है मामला
बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही हालात सही नहीं है. आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में शेख हसीना को भी अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. चूंकि इस बिगड़े हालात के बाद जहां शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं तो दूसरी ओर बांग्लादेश में लाखों हिंदुओं पर हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है ।
चूंकि वहां सुनियोजित ढंग से हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं ,माता बहनों के साथ घिनौने कृत्य किए जा रहे हैं साथ ही घरों मंदिरों में आग लगाई जा रही है इस हिंसाचर के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात भी सामने आ रही है।
इसके बाद भारत में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन और जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। अब जैसे ही विरोध करने वालों को इस बात का पता चला है कि बांग्लादेश क्रिकेट टीम 19 अक्तूबर से भारत मैच खेलने आ रही है उसके खिलाफ विरोध भड़का हुआ है।
चूंकि ग्वालियर में भी 6 अक्टूबर को बांग्लादेश के साथ टी20 मैच प्रस्तावित है उसके खिलाफ भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं।
अभी तक प्रदर्शन, पुतला दहन के साथ प्रधानमंत्री मोदी को मैच स्थगित कराने के लिए खून से लिखा पत्र भेजा जा चुका है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि बांग्लादेश के साथ मैच रद्द नहीं किया गया तो वे उसे ग्वालियर में नहीं घुसने देंगे,कालिख पोतेंगे तथा मैदान की पिच खोद देंगे।
आश्चर्य की बात है कि इतना सबकुछ होने के बावजूद मैच की आयोजक बीसीसीआइ चुप्पी साधे है ,समझ से परे है जो बांग्लादेश खुद अपने यहां माहौल को शांत रखने के उद्देश्य से टी20 विश्व कप कराने इंकार कर चुका है वहीं बांग्लादेश भारत में व्याप्त आक्रोश के बावजूद यहां सीरिज टालने की बात क्यों नहीं कर रहा। उधर बीसीसीआई भी ऐसे माहौल में बांग्लादेश टेस्ट सीरिज और टी20 श्रृंखला को आगे बढ़ाने का निर्णय क्यों नहीं ले रहा यदि मैच के दौरान कोई अप्रिय स्थिति निर्मित होती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा??