कहा ड्रोन इस्तेमाल में मध्यप्रदेश को नम्बर वन राज्य बनायेंगे ,केन्द्रीय मंत्री द्वय श्री तोमर व श्री सिंधिया सहित राज्य सरकार के मंत्रिगणों की मौजूदगी में हुआ ड्रोन स्कूल का उदघाटन
ग्वालियर/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिये सरकार सभी दिशाओं में काम कर रही है। इस दिशा में प्रदेश में ड्रोन तकनीक को भी प्रमुखता से अपनाया गया है। हम मध्यप्रदेश को ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में नम्बर वन राज्य बनायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरूवार को ग्वालियर में प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एमआईटीएस) में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल और एमआईटीएस के नवनिर्मित बॉयज हॉस्टल का उदघाटन किया। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वी. डी. शर्मा, प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी व राज्य सरकार के अन्य मंत्रिगण, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर व भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कमल माखीजानी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन स्कूल व बॉयज हॉस्टल के उदघाटन और सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि खुशी की बात है केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खुलने जा रहे हैं, इनमें से आज पहले स्कूल का शुभारंभ ग्वालियर में हो गया है। प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप नीति बनाई है। जिसके तहत युवाओं के नवाचारों को धरातल पर लाने में सरकार भरपूर आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया करायेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर के विद्यार्थियों ने नए – नए स्टार्टअप शुरू कर 800 से लेकर एक हजार करोड़ तक की कंपनियाँ विकसित कर ली हैं। सरकार की स्टार्टअप नीति का लाभ उठाकर ग्वालियर के युवा भी नए-नए स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दोहराया कि हमारा संकल्प है कि प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।
ड्रोन कृषि नीति का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने के लिये युवा आगे आएँ – केन्द्रीय मंत्री तोमर
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। निकट भविष्य में इस तकनीक के इस्तेमाल से क्रांतिकारी प्रगति सामने आयेगी। उन्होंने कहा भारत सरकार के कृषि विभाग ने ड्रोन नीति जारी कर दी है, जिसके तहत 12वीं पास बच्चे 4 लाख रूपए तक का अनुदान प्राप्त कर ड्रोन पायलट के रूप में अच्छा रोजगार पा सकते हैं। इसी तरह यदि कृषि स्नातक ड्रोन तकनीक की कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो वह पाँच लाख तक का अनुदान पा सकते हैं। इसके अलावा संस्थान भी कृषि की ड्रोन नीति के तहत 100 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मकान का मालिकाना हक दिलाने में ड्रोन तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी तरह टिड्डी दल के आक्रमण को असफल करने में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हुई है।
ड्रोन स्कूलों के जरिए साल भर में ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे – केन्द्रीय मंत्री सिंधिया
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि भारत किसी भी देश का फोलोअर नहीं लीडर बने। इसी संकल्पना को साकार करने के लिये ड्रोन को गाँव-गाँव व घर-घर में पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 11 दिसम्बर को प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी। खुशी की बात है मात्र 90 दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरा करने के बाद आज ग्वालियर में पहला ड्रोन स्कूल शुरू हो गया है। श्री सिंधिया ने बताया कि इस ड्रोन स्कूल में हर माह 40 से 50 बच्चों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रकार साल भर में लगभग 500 युवा ड्रोन पायलट तैयार होंगे। ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त युवा हर माह औसतन 30 हजार रूपए की आय आसानी से अर्जित कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के पाँचों ड्रोन स्कूल शुरू होने पर साल भर में लगभग ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे। श्री सिंधिया ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश वर्तमान में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में देशभर के अग्रणी राज्यों में से एक है।
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा मेरे लिये आज विशेष खुशी का दिन
श्री शेजवलकर ने कहा कि जिस एमआईटीएस में मैंने अपनी पढ़ाई की उसी में मुझे प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल के उदघाटन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।
आरंभ में एमआईटीएस के निदेशक डॉ. आर के पंडित ने स्वागत उदबोधन दिया। कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी श्री प्रशांत मेहता भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन एमआईटीएस के प्राध्यापक डॉ. मनीष दीक्षित ने किया।
ड्रोन उड़ाकर किया ड्रोन स्कूल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एमआईटीएस मैदान में रिमोट के जरिए ड्रोन उड़ाकर प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री वी डी शर्मा, प्रदेश सरकार की मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, श्री तुलसीराम सिलावट, श्री गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. प्रभुराम चौधरी तथा सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर सहित राज्य सरकार के अन्य मंत्रिगण मौजूद थे। कार्यक्रम में संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना, पुलिस महानिरीक्षक श्री अनिल शर्मा, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी व नगर निगम आयुक्त श्री किशोर कान्याल सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
डॉ. कुसुमलता सिंघल व डॉ. भागीरथ प्रसाद को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री द्वय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया नारी शक्ति सम्मान से सेवाभावी चिकित्सक डॉ. कुसुमलता सिंघल को सम्मानित किया। इसी तरह स्व. माधवराव सिंधिया के नाम से स्थापित कुशल प्रशासक सम्मान पूर्व सांसद एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी डॉ. भागीरथ प्रसाद को सम्मानित किया गया। इन सभी को सम्मान स्वरूप शॉल श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए।
स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की
ड्रोन स्कूल के उदघाटन से पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी अतिथियों ने एमआईटीएस में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि स्व. सिंधिया कुशल संगठक व श्रेष्ठ प्रशासक के साथ-साथ जनता के सच्चे सेवक थे। उन्होंने ग्वालियर-चंबल अंचल सहित सम्पूर्ण प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।