Homeमध्यप्रदेशराम मंदिर धार्मिक नहीं, बल्कि भारत के स्वाभिमान का प्रतीकः  पवैया

राम मंदिर धार्मिक नहीं, बल्कि भारत के स्वाभिमान का प्रतीकः  पवैया

ग्वालियर 28 अक्टूबर। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कोई धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत के स्वभिमान का प्रतीक है और हम सब सौभाग्यशाली हैं, कि मंदिर का निर्माण देख रहे हैं। यह कार्य उस गुजरात के सपूत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कारण हो पाया है। यही श्री मोदी जब अमेरिका की धरती पर उतरते हैं तो वहां के राष्ट्रपति ट्रंप की चमक भी फीकी हो जाती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी का दुनिया एक वैश्विक नेता के रूप में देख रही है। यह बात पूर्व मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने बुधवार को गोहद विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी श्री रणवीर जाटव के समर्थन में गुहिसर में जनसभा को संबोधित करते हुए कही। श्री पवैया ने छेंकुरी में तथा खनैता में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार एवं जनसंपर्क भी किया।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए 500 वर्षों से लड़ाई चली, कई भक्तो ने गोलियां खाईं और अपनी शहदत दी। उन्होंने खुद राम मंदिर निर्माण में सरकार के अत्याचार सहन किए, जेल गए। कई बार तो सोचा कि राम मंदिर बनेगा तो जरूर, लेकिन मेरी आंखों के सामने बन पाएगा क्या। धन्य हो वह गुजरात की मां का सपूत श्री नरेन्द्र मोदी, जिनके कारण अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया। इसी वर्ष पांच अगस्त को अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य संभव हो पाया।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर केवल धार्मिक मामला नहीं है, बल्कि भारत का स्वाभिमान है। अभी कोरोना के संक्रमण के दौरान देश के दस करोड़ घरों में रामायण देखी गई। उन्होंने कहा कि श्री मोदी अब वैश्विक नेता हो गए हैं और जैसे ही वे अमेरिका की धरती पर कदम रखते हैं तो वहां के राष्ट्रपति ट्रंप की चमक भी फीकी पड़ जाती है। अब वे वैश्विक नेता बनने की राह पर हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments