राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर महानगर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने निकाला पथ संचलन
ग्वालियर/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर महानगर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों का पथ संचलन रविवार को फूलबाग मैदान से घोष की ध्वनि पर कदमताल करते हुए निकाला गया। गणवेशधारी विद्यार्थी स्वयंसेवकों को ध्वनि की लय पर कदमताल करते हुए देखकर राहगीर भी उनकी सराहना करते हुए देखे गए। रास्ते में शहरवासियों ने पथ संचलन का पुष्पवर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया। पथ संचलन फूलबाग मैदान से शुरू होकर लक्ष्मीबाई समाधि स्थल, पड़ाव चौराहा, गांधीनगर रेलवे क्रॉसिंग, खेड़ापति मंदिर, द्वारकापुरी, श्रुति एनक्लेव, अपोलो हॉस्पिटल ,जीडीए ऑफिस होते हुए वापस फूलबाग मैदान पर पहुंचा।
समागम स्थल फूलबाग मैदान पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के सह प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता, मुख्य अतिथि पद्मश्री अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सत्येंद्र लोहिया, विशिष्ट अतिथि ग्वालियर विभाग के सह विभाग संघचालक अशोक पाठक रहे। अध्यक्षता निर्माण आईएएस कोचिंग संचालक संजय गुप्ता ने की। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने श्री राम नाम की आकृति भी बनाई।
मुख्य वक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि सतयुग में ज्ञान शक्ति, त्रेता में मंत्र शक्ति, द्वापर में युद्ध शक्ति का बल था, किंतु कलियुग में संगठन की शक्ति ही प्रधान है। उन्होंने कहा कि इस शक्ति का जीता जागता उदाहरण 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में धूमधाम से हुई। उन्होंने कहा कि एक साथ चलने से, स्वर से स्वर मिलाने से बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसीलिए हम गीत गाते हैं संगठन गढ़े चलो। साथ-साथ चलने से संगठन का भाव आता है। श्री गुप्ता ने कहा कि युवा मंद-मंद वायु की तरह है, लेकिन जब यह आंधी बन जाएं तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बलि हमेशा दुर्बल की ही चढ़ाई जाती है। न अश्व की, न गज को, न बाघ को और न किसी और को। बलि चढ़ाया जाता है तो दुर्बल बकरी के बच्चे को। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और संघ महाविद्यालीन कार्य के माध्यम से युवाओं में नागरिक शिष्टाचार ,संस्कार, राष्ट्रभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा, धैर्य, संयम का भाव जागृत करता है। उन्होंने कहा कि भारत अब विकसित देश की श्रेणी की ओर अग्रसर हो चुका है। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि परिचय ग्वालियर विभाग विद्यार्थी प्रमुख मुनेंद्र कुशवाहा ने दिया।
शारीरिक बल से बड़ा है मन और आत्मबल
मुख्य अतिथि श्री लोहिया ने कहा कि शारीरिक बल से बड़ा मनोबल और आत्म बल है। भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री देकर ग्वालियर-चंबल संभाग का मान बढ़ाया है। मैं अभिभूत हूं कि मेरी योग्यता, मेरी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सुशोभित करने हेतु मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया।