डायबिटीज को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज के लिए दवाओं का सेवन, लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना और डाइट का ख्याल रखना जरूरी है. ये एक ऐसी बीमारी है जो किडनी, लंग्स, दिल और आंखों को नुकसान पहुंचती है.
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को भी अपना सकते हैं. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी बूटियां है, जो डायबिटीज में असरदार साबित होती है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) ने दुनिया में ऐसे 21000 पौधों को औषधि के रूप माना है जिनका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है. इन्हीं में से एक है चिरायता जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है. इस जड़ी-बूटी को एंटी- डायबिटिक भी कहा जाता है.
डायबिटीज में असरदार है चिरायता
शुगर के मरीजों के लिए ये जड़ी-बूटी बहुत फायदेमंद है. आप चिरायता की पत्तियां, छाल, जड़ और तना किसी भी चीज का सेवन कर सकते हैं. इससे आसानी से ब्लड में शुगर कंट्रोल हो जाता है. ये पौधा कई गुणों से भरपूर होता है.
कैसे डायबिटीज को कंट्रोल करता है चिरायता
चिरायता नाम के इस पौधे में बायो एक्टिव कंपाउंड अमरोंगेटन पाया जाता है, जो डायबिटीज में एंटी-डायबिटिक के रूप में असर करता है. इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं अगर डायबिटीज के मरीज इसका सेवन करते हैं तो नेचुरली शरीर में इंसुलिन का उत्पादन होता है. इससे मेटाबॉलिज्म भी मजबूत होता है. शुगर के मरीज के लिए ये बेहद असरदार जड़ी बूटी है.
पोषक तत्वों से भरपूर है चिरायता
चिरायता कई पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट, अल्कलोइडस और ग्लायकोसाइड्स जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन बढ़ता है और ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पैंक्रियाज के सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं. इसे खाने से पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाती हैं.
चिरायता को कैसे खाएं
आप चिरायता के पत्ते, छाल या जड़ कोई बी चीज खा सकते हैं. डायबिटीज के मरीज सुबह खाली पेट इसका सेवन करें तो ज्यादा फायदा मिलता है. आप चाहें तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं.