कर्नाटक में भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार के कथित तख्तापलट की कोशिशों के बीच शक्ति प्रदर्शन के तौर पर शुक्रवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चार नाराज विधायक नहीं पहुंचे। पार्टी इन विधायकों को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगेगी।
चार विधायकों की गैरमौजूदगी से एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सात महीने पुरानी कांग्रेस-जल(एस) गठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। बैठक से पहले कांग्रेस विधायकों को जारी नोटिस में सीएलपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चेतावनी दी थी कि विधायकों की गैरमौजूदगी को गंभीरता से लिया जाएगा। सिद्धरमैया ने कहा कि अनुपस्थित रहने वाले इन चारों विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगेगी।
बागी रमेश जर्किहोली, बी. नागेन्द्र, उमेश जाधव और महेश कुमाथहल्ली इस बैठक से नदारद रहे। उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सभी विधायक और एमएलसी बैठक में मौजूद रहे। बागी रमेश जरकिहोली, बी. नागेन्द्र, उमेश जाधव और महेश कुमाथहल्ली इस बैठक में नहीं पहुंचे। एक तरफ जहां बी. नागेन्द्र ने कोर्ट में सुनवाई के चलते बैठक में न आने को अपनी वजह बताई तो वहीं दूसरी तरफ उमेश जाधव ने तबियत ठीक न होने का हवाला दिया।
नागेन्द्र ने कभी संपर्क से बाहर न रहने की बात पर जोर देते हुए कहा- “मैं कोर्ट में सुनवाई के लिए शहर आया हुआ हूं। ऐसा कोई ऑपरेशन (कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए) नहीं हुआ है। मैं व्यक्तिगत कारणों से मुंबई गया क्योंकि मुझे काम था। मैं वहां पर प्राय: जाता रहता हूं।”
सिद्धारमैया ने कहा कि रमेश जर्किहोली और महेश कुमथाहल्ली ने लीडरशिप के साथ संपर्क नहीं किया और इसके लिए उन्हें गैर हाजिर होने का कारण साबित करने को कहा जाएगा। उन्होंने कहा- “मैनें गैर हाजिर रहनेवालों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। जैसे ही उनसे जवाब मिल जाता है, इस बारे मं पार्टी अध्यक्ष के साथ चर्चा की जाएगी।”
कांग्रेस चार बागी विधायक और दो निर्दलीयों के बारे में खबर आयी कि वे मुंबई के होटल में ठहरे हुए थे और बीजेपी के संपर्क में थे।