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मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने निराशा के बीच आरएसएस चीफ़ भागवत से दोबारा मिलने की इच्छा ज़ाहिर की

जवाब में आरएसएस चीफ़ के कार्यालय की ओर से बताया गया है कि अगले कुछ महीनों तक मोहन भागवत काफ़ी व्यस्त रहने वाले हैं 

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पिछले साल से आरएसएस से संवाद कर रहे मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर नफ़रत फैलाने वाले भाषण और मुस्लिम विरोधी बैठकों के लगातार जारी रहने पर ‘पीड़ा’ ज़ाहिर की है. इसके साथ ही एईईडीयू ने इस पहल पर प्रगति को लेकर निराशा ज़ाहिर करते हुए ये भी कहा है कि वो आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल से बातचीत जारी रखने के इच्छुक हैं. इसके अलावा मुस्लिम बुद्धिजिवियों के इस गुट ने आरएसएस चीफ़ भागवत से भी दोबारा मिलने की इच्छा ज़ाहिर की.

इस चिट्ठी में महाराष्ट्र में हुए ‘लव जिहाद’ रैलियों का उल्लेख करते हुए ये भी कहा गया है कि आरएसएस की ओर से इन्हें रोकने के लिए बहुत कम हस्तक्षेप किया गया.

ख़बर के अनुसार, ये चिट्ठी मोहन भागवत को 23 मार्च को भेजी गई थी. इस पर हस्ताक्षर करने वालों में दिल्ली के पूर्व उप-राज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी, पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीक़ी, लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) ज़ेड यू शाह और सईद शेरवानी शामिल हैं.ये सभी चर्चित हस्तियां अलायंस फ़ॉर इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल एम्पावरमेंट ऑफ़ द अंडरप्रिविलेज़्ड (एईईडीयू) के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं.

इस समूह ने ही पिछले साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संवाद शुरू किया था और दो समुदायों के बीच की खाई एक-दूसरे की शिकायतों को दूर करते हुए पाटने की कोशिशें शुरू की थीं.

चिट्ठी में कहा गया है, “मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा के मामले, नरसंहार का आह्वान और नफ़रत फैलाने वाले बयान अभी भी जारी हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मुसलमान-विरोधी मार्च घृणा से भरे हुए थे और इनमें मुसलमानों से खरीदारी के बहिष्कार की मांग उठाई गई थी.

बल्कि, महाराष्ट्र में तो ऐसे मार्च क़रीब एक महीने से भी अधिक समय तक चले. इनमें से अधिकांश पुलिस की मौजूदगी में हुए, बिना किसी कार्रवाई के, और अगर कोई कार्रवाई हुई तो नाम की. लोगों को असानी से छोड़ दिया गया. इससे मुसलमानों में पीड़ा और भय पैदा हो रहा है.”

“बीते साल अगस्त में आपसे मिलने के बाद हमने बहुत से प्रभावशाली (धार्मिक और दूसरे) मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने एक सुर में हमारी पहल का समर्थन किया और हमने ये संदेश भाई कृष्ण गोपाल और अन्य लोगों तक भी पहुंचाया. आज, हमारे अंदर निराशा का भाव है और हमारे प्रयासों की उपयोगिता को लेकर सवाल भी है.”

एईईडीयू ने इस पहल पर प्रगति को लेकर निराशा ज़ाहिर करते हुए ये भी कहा है कि वो आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल से बातचीत जारी रखने के इच्छुक हैं.

इसके अलावा मुस्लिम बुद्धिजिवियों के इस गुट ने आरएसएस चीफ़ भागवत से भी दोबारा मिलने की इच्छा ज़ाहिर की.

हालांकि, इसके जवाब में आरएसएस चीफ़ के कार्यालय की ओर से बताया गया है कि अगले कुछ महीनों तक मोहन भागवत काफ़ी व्यस्त रहने वाले हैं.

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