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लाड़ली बहना और मोदी का चेहरा भाजपा ने क्या मतदान से पहले मध्यप्रदेश में कर दिया खेला .?

प्रवीण दुबे

मोदी फैक्टर और लाड़ली बहना के सामने बौने पड़े सारे मुद्दे मतदान से पहले बढ़ा भाजपा का ग्राफ

क्या मध्यप्रदेश में मतदान से पहले भाजपा का मोदी फैक्टर और लाड़ली  बहना योजना का चुनावी खेला कामयाब हो गया है ? क्या मोदी की तमाम रीतियों नीतियों के दीवाने लेकिन शिवराज को लेकर असमंजस वाले 34 प्रतिशत वोटर एकबार फिर मोदी की गारंटी पर असमंजस से बाहर आकर कमल का बटन दबाने का मन बना चुके हैं  ? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो चुनाव प्रचार के अंतिम चरण तक पहुंचते पहुंचते देश के तमाम राजनीतिक विश्लेषकों के मन मस्तिष्क में कौंध रहे हैं।

देश का ह्रदय के जाने वाले मध्यप्रदेश  में सरकार चुनने का समय आ गया है अब से लगभग 18 घंटे बाद मध्यप्रदेश की 5.39 करोड़ जनता अपने मताधिकार का उपयोग करने घरों से निकलना शुरू करेगी और शाम 5 बजे तक ईवीएम मशीनों में उनका फैसला जमा हो जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश की जनता एकबार फिर भाजपा सरकार को चुनेंगे अथवा परिवर्तन के पक्ष में अपना वोट डालेंगे ? इस प्रश्न का जवाब खोजने के लिए कई समाचार एजेंसियों और मीडिया हाउस द्वारा जनमत सर्वेक्षण कराए गए और उनमें जो बात निकलकर आई उसमें मध्यप्रदेश के चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस के बीच नजदीकी लड़ाई अर्थात कांटे के मुकाबले की बात कही जा रही है।

यह सच है कि मध्यप्रदेश में मुकाबला कांटे का है बावजूद इसके कुछ फैक्टर ऐसे हैं जिसके कारण प्रदेश की जनता का मूड एकबार पुनः भाजपा के पक्ष में बनता दिखाई दे रहा है।

सीएसडीएस सर्वेक्षण के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान सरकार के साथ जनता का satisfaction level 61 प्रतिशत बेहतर है, 27 प्रतिशत लोग पूरी तरह से संतुष्ट हैं और 34 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं. कुछ हद तक संतुष्ट मतदाता किसी भी दिशा में जा सकते हैं और परिणाम को बदल सकते हैं.

 

जो 34 प्रतिशत मतदाता कुछ हद तक संतुष्ट हैं या फिर जो मतदाता भाजपा के राष्ट्रवादी कार्यों,विकास की मोदी अवधारणा, उत्कृष्ठ विदेश नीति, सनातन के प्रति सम्मान जैसे तमाम विषयों से तो जबरदस्त समर्थन रखते हैं लेकिन मध्यप्रदेश में शिवराज के चेहरे अथवा कार्यों से उनकी असहमति है।

निसंदेह कुछ हद तक संतुष्ट अथवा असमंजस वाले मतदाताओं को लेकर भाजपा ने जो चुनावी रणनीति अपनाई  उसने बेहद चमत्कारिक ढंग से न केवल ऐसे मतदाताओं के असमंजस को दूर कर अपनी तरफ मोड़ दिया है। इसमें सबसे बड़ा काम मोदी फैक्टर ने किया है।

भाजपा ने शिवराज को पीछे और मोदी के चेहरे को आगे करके असमंजस वाले वोटरों को बड़ा संदेश दिया । मोदी का चेहरा जहां  ऐसे वोटरों के लिए विकास,राष्ट्रवाद सहित उन सभी कार्यों की गारंटी बन गया जिसके कि वे फेन थे साथ इस बात का संदेश भी चला गया कि अब शिवराज मुख्यमंत्री नहीं होंगे। इस बड़े फैक्टर और मोदी की ताबड़तोड़ चुनावी सभाओं रैलियों ,रोड शो आदि ने अंतिम चरण के चुनाव प्रचार आते आते जैसे चमत्कार कर दिया है। तमाम राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब असमंजस वाले 34 प्रतिशत वोटर मोदी के चेहरे और गारंटी पर भाजपा को ही वोट देने का मन बना चुके हैं। अर्थात भाजपा इन वोटरों के सहारे आसानी से मध्यप्रदेश की सत्ता का सिंहासन प्राप्त कर सकने की स्थिति में नजर आ रही है।

भाजपा के लिए जहां मोदी फैक्टर ने अमृत का काम किया है वहीं शिवराज सिंह की लाड़ली बहना योजना भी उसके लिए गेम चेंजर बनती दिखाई दे रही है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा खासकर शिवराज के प्रति महिलाओं की जो सकारात्मकता और प्रसन्नता दिखाई दी है उससे बहुत बड़ा संदेश दे दिया है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश में इस बार राजनीतिक दलों के निशाने पर दो प्रमुख वोटर समूह हैं- महिलाएं और आदिवासी. इन दोनों वोटर समूह का साथ जिस भी दल को मिल गया उसके लिए सत्ता की चाबी ज्यादा दूर नहीं होगी. ऐसे में सूबे के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी इन वोटर समूहों को अपनी ओर खींचने की कोशिश में लगे हुए हैं. कांग्रेस ने सस्ते सिलेंडर समेत महिला केंद्रित कई ऐलान किए और नारी सम्मान योजना का कार्ड इस वोटर समूह को लुभाने के इरादे से चला तो बीजेपी ने इसके जवाब में लाड़ली बहना योजना शुरू कर दी. इस योजना के तहत महिलाओं को 1250 रुपए महीने मिल रहे हैं.

 

माना जा रहा है कि ये राशि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हो रही है, ऐसे में इसका चुनावी लाभ मिलना भी मुमकिन माना जा रहा है. अब राज्य की जो महिलाएं इस योजना से नहीं जुड़ पाई हैं, उनको भी इससे जोड़ने का वादा शिवराज सिंह चौहान का एक और ट्रंप कार्ड  है. उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में महिला वोटरों की संख्या 48 प्रतिशत है ।मालूम हो कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.

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