महाशिवरात्रि फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस बार चतुर्दशी 1 मार्च को है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक चतुर्दशी तिथि 1 मार्च को 3:16 से शुरू होकर अगले दिन 2 मार्च को प्रात: 1 बजे तक रहेगी। इस बार महाशिवरात्रि कई शुभ संयोगों में मनाई जाएगी। इस दिन पांच ग्रहों की पुनरावृत्ति भी होगी। शुभ संयोग धनिष्ठा नक्षत्र में परिधि योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा वहीं प्रीति के बाद शिवयोग रहेगा। शिव योग 1 मार्च को दिन में 11:18 बजे से शुरू होकर 8:21 रहेगी।
महाशिवरात्रि को लेकर देशभर के शिवालयों में तैयारियां जोरों से चल रही है। मंदिरों की साफ- सफाई अंतिम चरण में है। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर को परम्परागत आकर्षक ढंग से सजाने का काम जारी है। वहीं एक मार्च को शिवरात्रि पर पूरे दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहेगा। उधर ओम्कारेश्वर में में भी तैयारियां जोर शोर से जारी हैं। ग्वालियर के प्रसिद्ध अचलेश्वर महादेव मंदिर में जहां जीर्णोद्धार का काम लगातार चल रहा है वहीं महाशिवरात्रि के अवसर पर लगने वाले मेले के लिए व्यवस्थाओं को सजाने संवारने केकाम में मंदिर प्रवंधन जुटा है। यहां लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों के आने को लेकर पुलिस प्रशासन भी सचेत हो गया है।
मनकामेश्वर मठ मंदिर में महंत देव्या गिरि के सानिध्य में शनिवार को मंदिर परिसर में रंग बिरंगे फूलों से मंडप सजाया गया। इसके बाद भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को मेंहदी रचाई गई। महंत देव्या गिरि ने बताया कि विश्व शांति के लिए मंडप का ऊपरी भाग चौकोर के बजाए गोल रखा गया है। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को मनकामेश्वर घाट से मनकामेश्वर मंदिर तक शिव यात्रा निकाली जाएगी। वहीं 28 फरवरी को दिन में महिला संगीत व रुद्राभिषेक होगा। एक मार्च को भोर चार बजे मंदिर के कपाट खुल जाएंगे।