जापानी टेलीकॉम कंपनी सॉफ्टबैंक के प्रेसिडेंट निकेश अरोड़ा ने इस्तीफा दे दिया है. इसकी जानकारी मंगलवार को खुद निकेश ने ट्वीट के जरिए दी.
निकेश ने लिखा कि उनकी योग्यता को लेकर उठे सवालों पर कंपनी बोर्ड से उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है, जिसके बाद ही उन्होंने यह पद छोड़ा है. आपको बता दें कि सॉफ्टबैंक के प्रेसिडेंट और सीओओ निकेश अरोड़ा को फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में 500 करोड़ रुपये (7.3 करोड़ डॉलर) का सैलरी पैकेज मिला था, जिसके बाद उनका नाम दुनिया में सबसे मोटी तनख्वाह पाने वाले लोगों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया था.
ऐसी नौबत क्यों आई कि निकेश को इस्तीफा देना पड़ा?
बीते कुछ वक्त से निकेश लगातार विवादों में घिरे हुए थे. उनकी सैलरी को लेकर कई स्टेकहोल्डर्स ने नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही उनकी योग्यता पर भी सवाल उठाए थे. इसी बीच निकेश पर कई संदिग्ध ट्रांजैक्शन करने और खराब इन्वेस्टमेंट करने के भी आरोप लगे.
तो क्या ये आरोप साबित हुए और फिर कंपनी ने इस्तीफा लिया?
नहीं. सॉफ्टबैंक ने निकेश के मामले की जांच करने के लिए इंडिपेंडेंट बोर्ड मेम्बर्स की एक स्पेशल कमेटी बनाई थी. इस कमिटी ने सोमवार को निकेश को क्लीनचिट थमा दी, जिससे साफ हो गया कि अरोड़ा अपनी पोस्ट के लिए काबिल थे.
लेकिन इस बीच निकेश ने खुद ही कंपनी छोड़ने का फैसला कर लिया. इस बारे में कंपनी के फाउंडर सीईओ मासायोशी सोन ने कहा भी कि जब यह आरोप पहली बार सार्वजनिक हुए, तभी से उन्हें निकेश पर पूरा भरोसा था.